20 सितंबर 2025 को देर रात गुजरात के वडोदरा शहर के जूनीगढ़ी इलाके में एक नवरात्रि पंडाल पर पत्थरबाजी की घटना ने स्थानीय लोगों में डर और तनाव पैदा कर दिया। इस घटना में उपद्रवियों ने न केवल पंडाल पर हमला किया, बल्कि आसपास खड़े कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया और 50 लोगों को हिरासत में लिया। यह घटना एक सोशल मीडिया पोस्ट से शुरू हुए विवाद के कारण हुई, जिसने इलाके में तनाव को बढ़ा दिया।
पुलिस के अनुसार, यह हिंसा एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उत्पन्न विवाद से शुरू हुई। कुछ लोग इस पोस्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। लेकिन जब वे लौट रहे थे, तभी उपद्रवियों के एक समूह ने नवरात्रि पंडाल पर हमला कर दिया। हमलावरों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे पास खड़े वाहनों को नुकसान पहुंचा और स्थानीय लोग डर के माहौल में आ गए। इस घटना ने इलाके में तनाव को और बढ़ा दिया, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को तुरंत कदम उठाने पड़े।
वडोदरा के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) एंड्रयू मैकवान ने बताया कि पुलिस ने घटना के तुरंत बाद स्थिति पर काबू पा लिया। पत्थरबाजी में शामिल 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि हिंसा के पीछे के कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। डीसीपी ने यह भी कहा कि पुलिस का लक्ष्य है कि सभी दोषियों को सजा मिले और शहर में शांति बनी रहे।
यह कोई पहली घटना नहीं है जब धार्मिक आयोजनों के दौरान हिंसा हुई हो। हाल ही में, 15 सितंबर 2025 को कर्नाटक के माद्दुर शहर में गणपति जुलूस के दौरान भी पत्थरबाजी की घटना हुई थी, जिसमें 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, गुजरात के खेड़ा जिले के मातर कस्बे में मस्जिद और मदरसे के पास गरबा आयोजन को लेकर विवाद हुआ था। इन घटनाओं से यह साफ होता है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहें और संवेदनशीलता हिंसा को बढ़ावा दे सकती हैं।
इन घटनाओं ने यह दिखाया है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान शांति और सद्भाव बनाए रखना कितना जरूरी है। सोशल मीडिया पर फैलने वाली गलत सूचनाएं और अफवाहें तनाव को बढ़ा सकती हैं। प्रशासन और स्थानीय लोगों को मिलकर ऐसी स्थिति से बचने के लिए सावधानी बरतनी होगी। पुलिस ने वडोदरा में स्थिति को नियंत्रित कर लिया है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामुदायिक सहयोग और जागरूकता की जरूरत है।