मुंबई के मुंब्रा रेलवे स्टेशन के पास सोमवार, 9 जून 2025 को एक दुखद ट्रेन हादसे में आठ यात्रियों की जान चली गई। यह हादसा उस समय हुआ जब एक अत्यधिक भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन, जो छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) की ओर जा रही थी, मुंब्रा स्टेशन के पास से गुजर रही थी। इस हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तुरंत एक्शन लेते हुए नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड के अधिकारियों और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) की टीम के साथ एक आपातकालीन बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य नॉन-एसी लोकल ट्रेनों में बेहतर वेंटिलेशन और सेफ्टी मेजर्स को लागू करना था।
हादसे का विवरण
हादसा सुबह करीब 9 बजे हुआ, जब कसारा की ओर जाने वाली एक लोकल ट्रेन और CSMT की ओर जाने वाली दूसरी ट्रेन मुंब्रा-दीवा खंड के पास एक कर्व पर आमने-सामने से गुजरीं। सेंट्रल रेलवे (CR) के अधिकारियों के अनुसार, दोनों ट्रेनों के फुटबोर्ड पर लटके यात्रियों के बीच टक्कर हुई, जिसके कारण कई यात्री गिर गए। इस हादसे में आठ यात्रियों की मौत हो गई, और कई अन्य घायल हो गए। गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस खंड पर, खासकर मुंब्रा स्टेशन के पास कर्व पर, ट्रेनों में अचानक झटका लगना आम बात है, जिससे इस तरह के हादसे होते हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को "अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासन और स्थानीय प्रशासन घटनास्थल पर राहत कार्यों में जुटा है, और हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है।
रेल मंत्री की बैठक: नॉन-एसी कोच में सुधार
हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तत्काल रेलवे बोर्ड और चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) की टीम के साथ एक विस्तृत बैठक की। इस बैठक में नॉन-एसी लोकल ट्रेनों में सेफ्टी और वेंटिलेशन से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। रेलवे ने फैसला लिया है कि जनवरी 2026 तक मुंबई की सभी उपनगरीय नॉन-एसी ट्रेनों में ऑटोमैटिक डोर क्लोजर सिस्टम और बेहतर वेंटिलेशन सिस्टम लागू किया जाएगा।
नॉन-एसी कोच में ऑटोमैटिक डोर सिस्टम लगाने का विचार पहले से चर्चा में था, लेकिन इसकी सबसे बड़ी चुनौती थी वेंटिलेशन। भीड़भाड़ के समय नॉन-एसी कोच में हवा की कमी और दम घुटने की समस्या आम है। इस समस्या को हल करने के लिए ICF को नए डिज़ाइन तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जो यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक सफर प्रदान करे।
रेलवे का एक्शन प्लान
रेलवे बोर्ड ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए कई बड़े सेफ्टी मेजर्स की घोषणा की है:
ऑटोमैटिक डोर क्लोजर सिस्टम: सभी मुंबई उपनगरीय ट्रेनों में ऑटोमैटिक डोर सिस्टम लगाया जाएगा, ताकि फुटबोर्ड पर लटकने की समस्या को रोका जा सके।
बेहतर वेंटिलेशन: नॉन-एसी कोच में हवा के प्रवाह को बेहतर करने के लिए नए डिज़ाइन तैयार किए जाएंगे, ताकि भीड़ के दौरान यात्रियों को दम घुटने की समस्या न हो।
जांच और सुधार: हादसे के कारणों की गहन जांच की जाएगी, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जाएगा।
विपक्ष का हमला
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने इस हादसे के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग की और कहा कि सरकार बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दे रही है, जबकि लोकल ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने पिछले 11 सालों में मुंबईकरों को बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर के "खोखले वादों" की आलोचना की।
निष्कर्ष
मुंब्रा ट्रेन हादसा एक बार फिर मुंबई की लोकल ट्रेनों में भीड़भाड़ और सेफ्टी की कमी जैसे पुराने मुद्दों को सामने लाया है। रेलवे ने इस दुखद घटना के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए सेफ्टी मेजर्स की घोषणा की है, लेकिन इनका प्रभावी कार्यान्वयन समय की मांग है। यात्रियों की सुरक्षा और आराम के लिए नॉन-एसी कोच में वेंटिलेशन और ऑटोमैटिक डोर सिस्टम जैसे सुधार जरूरी हैं। उम्मीद है कि रेलवे अपने वादों को जल्द से जल्द पूरा करेगा, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी को रोका जा सके।