भारत जल्द ही अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को जून 2025 में Axiom Mission 4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजा जाएगा। यह पहला अवसर होगा जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन तक पहुंचेगा।
कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला?
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी फाइटर पायलट और टेस्ट पायलट हैं। वे Gaganyaan मिशन के लिए चयनित उन चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं जिन्हें रूस और अमेरिका में उन्नत अंतरिक्ष प्रशिक्षण दिया गया है। Axiom-4 मिशन के तहत, वे भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पृथ्वी की कक्षा में स्थित ISS पर लगभग 14 दिन बिताएंगे।
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Photograph : Axiom Space |
मिशन से जुड़ी मुख्य जानकारियां
- मिशन का नाम: Axiom Mission 4 (Ax-4)
- लॉन्च वाहन: SpaceX Falcon 9 रॉकेट और Dragon कैप्सूल
- लॉन्च स्थान: Kennedy Space Center, Florida, USA
- लॉन्च तिथि: 11 जून 2025 (भारत समयानुसार शाम 5:30 बजे)
- मिशन अवधि: लगभग 14 दिन
- मिशन एजेंसियां: Axiom Space, NASA, SpaceX, ISRO
- अन्य अंतरिक्ष यात्री: पेगी व्हिटसन (कमांडर, अमेरिका), स्लावोस उज्नान्स्की (पोलैंड), टिबोर कैपू (हंगरी)
मिशन का महत्व
1. भारत का पहला ISS मिशन
इससे पहले भारत ने राकेश शर्मा को 1984 में अंतरिक्ष में भेजा था, लेकिन वह सोवियत मिशन का हिस्सा थे और ISS तब अस्तित्व में नहीं था। शुभांशु शुक्ला भारत के पहले ऐसे अंतरिक्ष यात्री होंगे जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाएंगे।
2. ISRO और NASA का सहयोग
यह मिशन भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग का प्रत्यक्ष उदाहरण है। ISRO द्वारा प्रशिक्षित पायलट को NASA और Axiom Space की ओर से ISS भेजा जाना भारत की अंतरिक्ष कूटनीति की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
3. विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में योगदान
इस मिशन के दौरान शुभांशु शुक्ला कुल 60 वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे, जिनमें से 7 प्रयोग विशेष रूप से भारत के होंगे। ये प्रयोग बायोलॉजी, माइक्रोग्रैविटी, तकनीकी इंटरफेस और मानव शरीर पर अंतरिक्ष के प्रभावों से संबंधित होंगे।
4. Gaganyaan की तैयारी का हिस्सा
Gaganyaan मिशन, जो कि भारत का अपना मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, उसकी तैयारी के लिए यह मिशन अत्यंत आवश्यक है। इससे भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को दीर्घकालिक मिशन के लिए अनुभव और प्रशिक्षण प्राप्त होगा।
लॉन्च में देरी का कारण
पहले यह मिशन 10 जून 2025 को निर्धारित था, लेकिन खराब मौसम और तकनीकी तैयारियों के चलते इसे 11 जून तक स्थगित कर दिया गया। अब लॉन्च समय भारत में 11 जून शाम 5:30 बजे निर्धारित है।
निष्कर्ष
भारत के लिए यह मिशन केवल अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह देश के लिए एक भावनात्मक और प्रेरणात्मक क्षण भी है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों को विज्ञान, अनुसंधान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी। यह भारत की वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में सशक्त उपस्थिति का प्रमाण होगा।