लखनऊ, उत्तर प्रदेश में 28 सितंबर 2025 को पुलिस ने एक बड़े धार्मिक परिवर्तन रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में मुख्य आरोपी मलखान (43 वर्ष) को रविवार को हुलासखेड़ा रोड, बकटौरी खेड़ा से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, मलखान अनुसूचित जाति के लोगों को प्रलोभन और "चमत्कारी उपचार" का दावा करके ईसाई धर्म अपनाने के लिए उकसाता था। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में हड़कंप मचा दिया है और पुलिस अब इस रैकेट के अन्य पहलुओं की जांच कर रही है।
मलखान का अवैध चर्च और गतिविधियां
पुलिस की जानकारी के अनुसार, मलखान ने अपनी कृषि भूमि पर एक हॉल जैसी संरचना बनाई थी, जिसे वह अस्थायी चर्च के रूप में इस्तेमाल करता था। हर रविवार और गुरुवार को वह अनुसूचित जाति की महिलाओं और बच्चों को इकट्ठा करता था। इन सभाओं में, वह बीमारियों के इलाज का वादा और अन्य प्रलोभन देकर लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तन के लिए प्रेरित करता था। पुलिस ने बताया कि इन बैठकों में बपतिस्मा (ईसाई धर्म में दीक्षा) की प्रक्रिया भी की जाती थी। मलखान ने स्वयं ईसाई धर्म अपना लिया था और अपने बच्चों व रिश्तेदारों के नाम भी ईसाई नामों में बदल दिए थे।
व्हाट्सएप ग्रुप और प्रचार सामग्री
मलखान ने "येशु चंगाई सभा" नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसके जरिए वह अनुसूचित जाति के लोगों तक पहुंचता था। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से बाइबिल शिक्षाओं से संबंधित दो किताबें और अन्य प्रचार सामग्री बरामद की। पुलिस अब मलखान के वित्तीय स्रोतों की जांच कर रही है और उन लोगों से संपर्क कर रही है जो संभवतः धर्म परिवर्तन कर चुके हैं।
कानूनी कार्रवाई और पुलिस की सक्रियता
इस मामले में निगोहा पुलिस स्टेशन में उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। डीसीपी (दक्षिण) निपुण अग्रवाल ने बताया कि मलखान पहले से फरार था, लेकिन पुलिस ने उसे ट्रैक करके हिरासत में लिया। इस सफलता के लिए गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम को 25,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया है। पुलिस अब इस रैकेट के अन्य संदिग्धों और प्रभावित लोगों की पहचान करने में जुटी है।