पटना, बिहार – राजधानी पटना में एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है। शुक्रवार रात 4 जुलाई को जाने-माने कारोबारी और भाजपा नेता गोपाल खेमका की उनके अपार्टमेंट के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। ये वारदात तब हुई जब वह अपनी कार से उतर रहे थे। गोली लगते ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी।
बताया जा रहा है कि हमलावर बाइक पर सवार थे और उन्होंने हेलमेट पहन रखा था। जैसे ही गोपाल खेमका अपनी गाड़ी से बाहर निकले, वैसे ही गोली चलाई गई। पुलिस को घटनास्थल से एक गोली और एक खोखा बरामद हुआ है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में यह पूरी वारदात कैद हो गई है, जिसमें हमलावरों को भागते हुए देखा जा सकता है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 6 साल पहले दिसंबर 2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की भी कुछ इसी तरह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय गुंजन खेमका वैशाली के हाजीपुर में अपने ऑफिस जा रहे थे, तभी बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें भी गोली मार दी थी।
गोपाल खेमका पटना के जाने-माने उद्योगपति थे। वह Magadh Hospital, पेट्रोल पंप और फैक्ट्री जैसे कई बिजनेस से जुड़े हुए थे। बेटे की मौत के बाद उन्होंने धीरे-धीरे खुद को राजनीतिक और कारोबारी गतिविधियों से दूर कर लिया था।
पुलिस ने इस हत्या की जांच के लिए SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) बना दी है। हालांकि परिवार वालों का आरोप है कि घटना स्थल से सिर्फ 500 मीटर दूर गांधी मैदान थाना होने के बावजूद पुलिस करीब डेढ़ घंटे देरी से पहुंची। इस लापरवाही पर परिवार ने कड़ी नाराजगी जताई है।
राजनीतिक हलकों में भी इस हत्या को लेकर उबाल है। राजद नेता पप्पू यादव ने इसे जंगलराज की वापसी बताया, वहीं भाजपा नेता रामकृपाल यादव ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
यह घटना सिर्फ एक कारोबारी की हत्या नहीं, बल्कि लगातार दो हत्याओं से एक ही परिवार को निशाना बनाए जाने की गंभीर कहानी बन गई है। अब सवाल यह है कि क्या पुलिस इस बार अपराधियों को पकड़ पाएगी या फिर खेमका परिवार को फिर से इंसाफ के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।