केरल में एक बार फिर निपाह वायरस ने दस्तक दी है। राज्य के दो जिलों मलप्पुरम और पालक्कड़ में निपाह संक्रमण के दो पुष्ट मामले सामने आए हैं। इस खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कोझिकोड समेत तीन जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मलप्पुरम जिले में 17 वर्षीय एक लड़की की 1 जुलाई को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। डॉक्टरों को उसकी हालत संदिग्ध लगी, जिसके बाद उसके सैंपल जांच के लिए पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजे गए। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि वह निपाह वायरस से संक्रमित थी।
वहीं पालक्कड़ जिले के नट्टुकल क्षेत्र की 38 वर्षीय एक महिला को गंभीर लक्षणों के साथ मंजीरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। NIV की रिपोर्ट में उसके भी निपाह संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। फिलहाल महिला का इलाज जारी है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
इन मामलों के सामने आने के बाद केरल सरकार ने कोझिकोड, मलप्पुरम और पालक्कड़ जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। इन क्षेत्रों में संक्रमित लोगों के संपर्क में आए सभी व्यक्तियों की ट्रैकिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने 26 विशेष टीमों को इन जिलों में तैनात किया है जो मरीजों के संपर्कों का पता लगाने, निगरानी करने और लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं।
प्रशासन ने प्रभावित इलाकों के स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। साथ ही, कंटेनमेंट जोन चिन्हित कर लोगों की आवाजाही पर नियंत्रण लगाया गया है। लोगों से अपील की गई है कि वे बिना जरूरत बाहर न निकलें और किसी भी लक्षण की स्थिति में तुरंत अस्पताल पहुंचें।
निपाह वायरस एक गंभीर और जानलेवा संक्रमण है, जो चमगादड़ों और सूअरों जैसे जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। यह व्यक्ति-से-व्यक्ति भी फैल सकता है और इसकी मृत्यु दर बहुत अधिक होती है। 2018, 2021, 2023 और 2024 में भी केरल में इस वायरस के संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा है कि राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है और निपाह प्रोटोकॉल के तहत सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और जनजागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है ताकि समय रहते संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
लोगों को सलाह दी गई है कि वे कच्चे फल, ताड़ी और चमगादड़ों से संपर्क से बचें। साथ ही, हाथ धोने की आदत और व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।