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दाल में प्याज देख कांवरियों का हंगामा | Kanwariyas Rage Over Onion in Dal

8 जुलाई, 2025

मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश: सोमवार रात को मुजफ्फरनगर के फलौदा हाईवे पर स्थित बाबा बालकनाथ ढाबे पर एक दिलचस्प और विवादित घटना घटित हुई। कांवड़ यात्रा में शामिल कुछ श्रद्धालुओं ने जब अपने खाने में प्याज देखा, तो वे भड़क उठे और ढाबे में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस दौरान ढाबे के कर्मचारियों ने जान बचाने के लिए इधर-उधर भागकर शरण ली।

घटना का विवरण

रात लगभग 1 बजे कांवरिया समूह बाबा बालकनाथ ढाबे पर भोजन करने आए थे। जब उन्हें दाल में प्याज का टुकड़ा मिला, तो उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो गईं। हिंदू धर्म के अनुसार, कांवरियों के लिए प्याज और लहसुन का सेवन निषेध है। इसको लेकर कांवरियों ने ढाबे के कर्मचारियों से तीखी बहस की और तुरंत ढाबे की संपत्ति को नुकसान पहुँचाना शुरू कर दिया। उन्होंने मेज, कुर्सियों और बर्तनों को तोड़ा, जिससे वहां हड़कंप मच गया।

Kanwariyas Rage Over Onion in Dal

ढाबा कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

ढाबे के कर्मचारियों को कांवरियों के गुस्से से बचने के लिए भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। कर्मचारियों ने किसी तरह पुलिस को सूचित किया और मौके पर पुलिस फोर्स पहुंची। कांवरियों और ढाबा मालिक के बीच समझौता हुआ, और स्थिति को शांत किया गया। हालांकि, ढाबे का लाइसेंस और अन्य सुरक्षा पहलुओं की जांच करने के लिए एफएसएसआई टीम को बुलाया गया।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना के तुरंत बाद पुलिस ने ढाबे की जांच की और यह पाया कि ढाबे के पास खाद्य लाइसेंस नहीं था। पुलिस ने ढाबा संचालक को चेतावनी दी और मामले की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक कार्रवाई की बात की। इस घटना से यह भी साफ हो गया कि धार्मिक आयोजनों के दौरान खानपान की शुद्धता और संजीदगी का ध्यान रखना कितना जरूरी है।

धार्मिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य

कांवरियों का गुस्सा धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ था। उनके लिए प्याज, लहसुन जैसी चीजें खाने से धार्मिक आचरण में विघ्न आता है। यह घटना धार्मिक यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए खानपान की सही व्यवस्था और ढाबा मालिकों के लिए संवेदनशीलता की अहमियत को दर्शाती है।

निष्कर्ष

इस घटना ने यह भी सिद्ध कर दिया कि धार्मिक यात्रा के दौरान भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ढाबा संचालकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे कांवड़ियों और अन्य धार्मिक समूहों की डाइटरी जरूरतों का सम्मान करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही, इस घटना ने यह भी दर्शाया कि धार्मिक भावनाओं को समझकर चलना, एक समरस समाज की आवश्यकता है।

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