25 सितंबर 2025 को, उत्तराखंड के लक्सर, सुल्तानपुर में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी खालिद की दुकान को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर की गई, जिन्होंने इस घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी थी। इस घटना ने स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, और बड़ी संख्या में लोग इसे देखने के लिए जमा हुए। प्रशासन ने कहा कि यह कदम प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी के खिलाफ कड़ा संदेश देने के लिए जरूरी था, क्योंकि इस तरह के घोटाले ने युवाओं का भरोसा तोड़ा है।
पुलिस और प्रशासन की सक्रियता लक्सर में इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। एसपी देहात शेखर सुयाल ने मौके पर पहुंचकर पूरी प्रक्रिया की निगरानी की। यह कार्रवाई उत्तराखंड सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें पेपर लीक जैसे अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात कही गई है। पहले भी इस मामले में कई गिरफ्तारियां और निलंबन हो चुके हैं, और अब यह बुलडोजर कार्रवाई एक सख्त चेतावनी के रूप में देखी जा रही है।
एसआईटी जांच और न्यायिक निगरानी यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की जांच के लिए सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसकी कमान देहरादून की ग्रामीण पुलिस अधीक्षक जया बलूनी के पास है। इस जांच की निगरानी के लिए रिटायर्ड हाईकोर्ट जज बीएस वर्मा को नियुक्त किया गया है। वे जिलों का दौरा करेंगे और शिकायतों की समीक्षा कर जांच को सही दिशा देंगे। यह कदम सरकार ने प्रदर्शनकारी युवाओं के दबाव और जांच में पारदर्शिता की मांग को देखते हुए उठाया है। देहरादून के परेड ग्राउंड पर बेरोजगार युवा तीसरे दिन भी प्रदर्शन करते रहे, जो इस घोटाले को उनके भविष्य पर हमला बता रहे हैं।
युवाओं के भरोसे को बहाल करने की कोशिश यह पेपर लीक मामला उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के लिए एक बड़ा झटका है। सरकार का दावा है कि इस तरह की कार्रवाइयों और निष्पक्ष जांच से युवाओं का भरोसा दोबारा जीता जा सकता है। रिटायर्ड जज बीएस वर्मा की नियुक्ति और बुलडोजर कार्रवाई जैसे कदम इस दिशा में उठाए गए प्रयासों का हिस्सा हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्ती जारी रहेगी।