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आई लव मोहम्मद' जुलूस से हिंसा, बुलडोजर ने तोड़े 200 अतिक्रमण, 100 लोग फरार

कानपुर से शुरू हुआ विवाद उत्तराखंड पहुंचा सब कुछ कानपुर से शुरू हुआ था, जहां 4 सितंबर 2025 को बारावफात जुलूस के दौरान 'आई लव मोहम्मद' का बैनर लगाने पर विवाद हो गया। पुलिस ने बिना अनुमति के बैनर हटवाया, जिससे मुस्लिम समुदाय में गुस्सा फैल गया। यह मामला पूरे देश में फैल गया, और 21 सितंबर 2025 को उत्तराखंड के काशीपुर शहर के अल्ली खां मोहल्ले में भी बिना इजाजत जुलूस निकला। यह जुलूस कानपुर की घटना के विरोध में था, लेकिन जल्दी ही हिंसा में बदल गया। सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए, पुलिस पर पथराव किया, सरकारी गाड़ियों को तोड़ा और सड़कें जाम कर दीं। कई पुलिस वाले घायल हुए, लेकिन फोर्स ने तुरंत कंट्रोल लिया। यह घटना ऊधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में हुई, जो उत्तराखंड का एक व्यस्त शहर है।

I Love Mohammad' Rally Turns Violent, Bulldozer Demolishes 200 Encroachments, 100 Flee in Fear

21 सितंबर 2025 की रात करीब 8 बजे अल्ली खां चौक पर सपा नेता नदीम अख्तर ने 400-500 लोगों की भीड़ जुटाई। सभा खत्म होने के बाद अचानक 'आई लव मोहम्मद' के नारे लगाते हुए बैनर-पोस्टर के साथ जुलूस शुरू हो गया। बिना परमिशन के यह जुलूस वाल्मीकि बस्ती की ओर बढ़ा, जहां स्थानीय लोगों ने विरोध किया। देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया, पुलिस पर हमला हुआ और दो सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस ने धारा 163 लागू कर इलाके को सील कर दिया। सीसीटीवी और वीडियो से 12 लोगों की पहचान हुई, जिनमें ज्यादातर की उम्र 16 से 22 साल के बीच थी। मुख्य आरोपी नदीम अख्तर समेत 7 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि 3 नामजद और 500 अज्ञात पर केस दर्ज है। बाकी 5 फरार बताए जा रहे हैं, जो रामपुर, मुरादाबाद और बिजनौर में छिपे हैं।

बवाल के अगले दिन, यानी 22 सितंबर 2025 से प्रशासन ने बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया। नगर निगम ने 200 से ज्यादा अवैध अतिक्रमण तोड़े, जिनमें आरोपियों के घर, दुकानें और निर्माण शामिल थे। दस्तावेज चेक करने पर संदिग्ध पाए गए तो तुरंत कार्रवाई हुई। डर का माहौल इतना था कि 60 लोग खुद ही अपने अतिक्रमण ढहा दिए। बुलडोजर की गड़गड़ाहट सुनकर 100 से ज्यादा लोग घर छोड़कर भाग गए। अब इलाके में सिर्फ महिलाएं दिख रही हैं। बिजली विभाग ने चोरी के कनेक्शन काटे, और वन विभाग ने 15 क्विंटल अवैध लकड़ी जब्त की। खाद्य विभाग ने 401 राशन कार्ड चेक किए, जिसमें 83 फर्जी पाए गए और कैंसल कर दिए। यह कार्रवाई 24 सितंबर तक जारी रही, और डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने खुद जायजा लिया।

उत्तराखंड सरकार ने साफ कहा है कि देवभूमि पर उपद्रव बर्दाश्त नहीं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों को सजा मिलेगी। पुलिस लगातार दबिश दे रही है, और आगे जांच जारी है। यह विवाद कानपुर से फैलकर नागपुर, हैदराबाद, लखनऊ और गुजरात तक पहुंचा, लेकिन काशीपुर में सबसे ज्यादा हिंसा हुई। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं, जहां बुलडोजर एक्शन और भागते लोग दिख रहे हैं। प्रशासन का फोकस अब शांति बहाल करना है, ताकि सामान्य जीवन पटरी पर लौटे।

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