पुणे, 15 जुलाई 2025: पुणे में हुए पोर्श कार हादसे में एक बड़ा अपडेट आया है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB), जो बच्चों के केस देखता है, ने पुणे पुलिस की उस मांग को ठुकरा दिया, जिसमें 17 साल के एक लड़के को बड़ों की तरह सजा देने की बात थी। अब इस लड़के पर बच्चों वाले कानून (जुवेनाइल जस्टिस एक्ट) के तहत केस चलेगा। ये हादसा 19 मई 2024 को पुणे के कल्याणी नगर में हुआ था, जिसमें एक तेज रफ्तार पोर्श कार ने दो लोगों, अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा, को कुचल दिया था, और उनकी मौत हो गई थी।
क्या हुआ था?
19 मई 2024 को सुबह करीब 2:30 बजे, एक 17 साल का लड़का अपनी पापा की महंगी पोर्श कार चला रहा था। कहा जाता है कि वो नशे में था। उसने कल्याणी नगर में एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिसमें मध्य प्रदेश के दो 24 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मर गए। हादसे के बाद पुलिस ने लड़के को पकड़ा और जेजे बोर्ड के सामने पेश किया। पहले बोर्ड ने उसे जमानत दे दी थी और कहा था कि 300 शब्दों का निबंध लिखो सड़क सुरक्षा पर। इस फैसले पर बहुत बवाल हुआ था।
पुलिस ने क्या कहा, बोर्ड ने क्या किया?
पुणे पुलिस ने मांग की थी कि इस लड़के को बड़ों की तरह सजा दी जाए, क्योंकि उसने शराब पीकर गाड़ी चलाई और दो लोगों की जान ली। लेकिन जेजे बोर्ड ने कहा कि ये अपराध इतना बड़ा नहीं है कि इसे "जघन्य" माना जाए, क्योंकि इसके लिए 7 साल से ज्यादा की सजा का नियम नहीं है। इसलिए, बोर्ड ने पुलिस की बात नहीं मानी और कहा कि लड़के पर बच्चों जैसे कानून से केस चलेगा।
और क्या-क्या हुआ?
इस केस में और भी बातें सामने आईं। पुलिस का कहना है कि लड़के का ब्लड सैंपल उसकी मम्मी के सैंपल से बदल दिया गया, ताकि ये छिपाया जाए कि वो नशे में था। इस मामले में लड़के के मम्मी-पापा, दो डॉक्टर, और कुछ लोग पकड़े गए हैं। पुलिस ने 900 पेज का एक चार्जशीट भी बनाया है, जिसमें 7 लोगों के खिलाफ सबूत हैं। लेकिन लड़के का केस जेजे बोर्ड ही देखेगा।
लोग क्या कह रहे हैं?
इस हादसे और पहले जमानत के फैसले से लोग बहुत नाराज़ हुए थे। मरने वालों के परिवार को लगता है कि उन्हें अभी तक इंसाफ नहीं मिला। लेकिन लड़के के वकील का कहना है कि बच्चों का कानून उन्हें सुधारने के लिए है, सजा देने के लिए नहीं।