मृतकों की पहचान देहरादून के भौवाला निवासी दीपक सती (25), कोटी कनासर गांव के मुकेश राणा (21), और तिलवाड़ी गांव के प्रियांशु चौहान (22) के रूप में हुई है। हादसे में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति मयंक चौहान (20), जो मटियावा, चकराता के निवासी हैं, को गंभीर चोटें आईं। उन्हें तुरंत विकासनगर अस्पताल ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें देहरादून के दून अस्पताल रेफर किया गया। मयंक की हालत गंभीर बताई जा रही है, और वह अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं।
कालसी पुलिस स्टेशन के प्रभारी दीपक धारीवाल ने बताया कि हादसा रात के समय हुआ, जब कार चालक ने नियंत्रण खो दिया, जिसके कारण वाहन सड़क से फिसलकर अम्लावा नदी में जा गिरा। स्थानीय पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और कठिन परिस्थितियों में बचाव कार्य शुरू किया। SDRF ने खाई से शवों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देहरादून के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी रिशब कुमार ने बताया कि बचाव कार्य में पुलिस और SDRF की संयुक्त टीम ने तेजी से काम किया, लेकिन तीनों युवकों की जान नहीं बचाई जा सकी।
हादसे की खबर सुनते ही स्थानीय लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने बताया कि ये युवक अपने दोस्तों के साथ चकराता की सैर के लिए निकले थे, लेकिन किसे पता था कि यह यात्रा उनकी आखिरी सैर बन जाएगी। प्रारंभिक जांच में सड़क की खराब स्थिति और संभवतः तेज गति को हादसे का कारण माना जा रहा है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि चालक कौन था और हादसे का सटीक कारण क्या था। जांच जारी है, और पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है।