इंद्रायणी नदी पर पुल हादसा: पुणे के पास पुल गिरा, 10–15 लोगों के फंसे होने की आशंका
पुणे, महाराष्ट्र: पुणे जिले के कुंडमाला गांव के पास रविवार दोपहर एक बड़ा हादसा सामने आया, जब इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना लोहे का पुल अचानक ढह गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, घटना के समय पुल पर लगभग 10 से 15 लोग मौजूद थे। इनमें से कुछ लोग पुल के मलबे के साथ नदी में बह गए, जबकि कुछ के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
पुल गिरने के तुरंत बाद स्थानीय लोग और प्रशासन हरकत में आए। सबसे पहले स्थानीय पुलिस और गांव के लोग बचाव के लिए पहुंचे। इसके तुरंत बाद फायर ब्रिगेड की टीमें और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की यूनिट्स भी घटनास्थल पर पहुंचीं। फिलहाल बचाव कार्य पूरी गति से चल रहा है। एनडीआरएफ ने रेस्क्यू बोट, मेडिकल टीमें और गोताखोरों को मौके पर तैनात किया है।
राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से तत्काल प्रतिक्रिया देखने को मिली। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे पर दुख जताया और ट्विटर के ज़रिए जानकारी दी कि प्रशासन को हरसंभव सहायता और तेज बचाव कार्य के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस पूरी घटना की जांच कराएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पुल गिरने का कारण क्या था। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, यह संभावना जताई जा रही है कि पुल की संरचना बहुत पुरानी थी और हाल ही में तेज बारिश के कारण नदी का बहाव बहुत बढ़ गया था। इससे पुल की नींव कमजोर हो सकती है, जो हादसे का कारण बनी।
स्थानीय निवासियों में घटना को लेकर भारी नाराज़गी देखी गई। कई लोगों ने बताया कि इस पुल की स्थिति पहले से ही खराब थी और बार-बार प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई थी। शिकायतों के बावजूद, समय पर मरम्मत नहीं की गई, जिससे यह गंभीर हादसा हुआ।
बचाव कार्य अब भी जारी है और राहत सामग्री लगातार पहुंचाई जा रही है। प्रशासन की कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जाए। साथ ही, आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया गया है ताकि बचाव कार्य में किसी तरह की बाधा न आए।
अंततः, राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। यह भी तय किया गया है कि जो भी व्यक्ति या विभाग इस लापरवाही का ज़िम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सभी पुराने पुलों की तकनीकी समीक्षा करने की योजना बनाई जा रही है।