पेट्रोल और डीजल की कीमतें भारत में हमेशा से एक चर्चा का विषय रही हैं। ये कीमतें न केवल आम लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करती हैं, बल्कि परिवहन, कृषि, और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डालती हैं। 1 जून 2025 तक, पेट्रोल-डीजल की कीमतें फिर से सुर्खियों में हैं। इस ब्लॉग में हम आसान भाषा में समझेंगे कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं, इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है, और लोग इस बारे में क्या कह रहे हैं।
पेट्रोल-डीजल की वर्तमान कीमतें
जून 2025 में, भारत के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस प्रकार हैं:
- दिल्ली: पेट्रोल ₹94-96/लीटर, डीजल ₹87-89/लीटर
- मुंबई: पेट्रोल ₹100-102/लीटर, डीजल ₹92-94/लीटर
- चेन्नई: पेट्रोल ₹100-101/लीटर, डीजल ₹92-93/लीटर
- कोलकाता: पेट्रोल ₹99-100/लीटर, डीजल ₹91-92/लीटर
नोट: ये कीमतें रोज बदल सकती हैं और शहरों के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं। सटीक कीमतों के लिए Indian Oil Corporation (IOCL) या Hindustan Petroleum (HPCL) की वेबसाइट चेक करें।
कीमतें बढ़ने के कारण
पेट्रोल और डीजल की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं:
- वैश्विक कच्चा तेल: भारत अपनी तेल जरूरतों का 80% से ज्यादा आयात करता है। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल (Brent Crude) की कीमतें मई-जून 2025 में $80-85 प्रति बैरल के आसपास रही हैं, जिसका सीधा असर कीमतों पर पड़ता है।
- कर और वैट: केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट (VAT) लगाती हैं। यह कीमत का बड़ा हिस्सा होता है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत का लगभग 40% कर होता है।
- विनिमय दर: रुपये की कीमत अगर डॉलर के मुकाबले कमजोर होती है, तो तेल आयात महंगा पड़ता है। 2025 में रुपये का मूल्य $1 = ₹82-83 के आसपास रहा है।
- वैश्विक संकट: भू-राजनीतिक तनाव (जैसे मध्य पूर्व में अस्थिरता) और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान ने तेल की कीमतों को प्रभावित किया है।
आम लोगों पर प्रभाव
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का असर कई तरह से दिखता है:
- दैनिक खर्च: मध्यम वर्ग के लिए गाड़ी चलाना महंगा हो गया है। ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों की कमाई पर असर पड़ रहा है।
- महंगाई: परिवहन लागत बढ़ने से सब्जियों, दाल, और अन्य सामानों की कीमतें भी बढ़ रही हैं।
- कृषि: डीजल की कीमतें बढ़ने से किसानों की लागत बढ़ रही है, क्योंकि ट्रैक्टर और पंप डीजल पर चलते हैं।
- छोटे व्यवसाय: ट्रांसपोर्ट पर निर्भर छोटे व्यापारियों को नुकसान हो रहा है।
सरकार के प्रयास
सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं:
- वैट में कटौती: कुछ राज्यों ने 2024 में वैट कम किया, जिससे थोड़ी राहत मिली।
- इलेक्ट्रिक वाहन (EV): सरकार EV को बढ़ावा दे रही है। FAME योजना के तहत सब्सिडी दी जा रही है।
- तेल भंडार: भारत ने रणनीतिक तेल भंडार का उपयोग किया है ताकि कीमतों को स्थिर किया जा सके।
लेकिन इन प्रयासों के बावजूद, वैश्विक कारकों के कारण कीमतें पूरी तरह नियंत्रित नहीं हो पा रही हैं।
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