22 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर जिले का दौरा किया, जो न केवल विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के लिए महत्वपूर्ण रहा, बल्कि एक मजबूत राष्ट्रीय संदेश देने का भी अवसर बना। यह दौरा 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद उनका पहला राजस्थान दौरा था, जिसने देश और विदेश में व्यापक चर्चा बटोरी। इस दौरे में पीएम मोदी ने विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और सांस्कृतिक गौरव को जोड़ते हुए जनता के बीच एक सशक्त उपस्थिति दर्ज की।
सुबह बीकानेर के नाल एयरबेस पर पहुंचकर प्रधानमंत्री ने वायुसेना के जवानों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने देशनोक में प्रसिद्ध करणी माता मंदिर में दर्शन किए, जो राजस्थान की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उन्हें पारंपरिक साफा और मीनाकारी युक्त चरखा भेंट किया, जो राजस्थानी आतिथ्य की झलक दिखाता है।
दौरे का मुख्य आकर्षण पलाना में आयोजित विशाल जनसभा रहा, जहां पीएम मोदी ने 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में रेल बुनियादी ढांचे का विस्तार, अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित देशनोक और फतेहपुर रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन, सड़क और राजमार्ग परियोजनाएं, साथ ही विद्युत और सौर ऊर्जा से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। इन योजनाओं से न केवल राजस्थान की कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रक्षा ढांचे को भी बल मिलेगा।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए कहा, "यह न तो शोध है, न प्रतिशोध, बल्कि यह न्याय का नया स्वरूप है। यह एक मजबूत भारत का रौद्र रूप है।" उन्होंने राजस्थान की वीर भूमि को नमन करते हुए कहा कि उनकी नसों में खून नहीं, बल्कि सिंदूर दौड़ता है, जो देश की एकता और संप्रभुता के लिए समर्पित है। उनके इस बयान ने जनता में जोश और राष्ट्रीय गौरव की भावना को और प्रज्वलित किया।
इसके अलावा, पीएम ने पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर भी ध्यान आकर्षित किया। बीकानेर में चल रहे खेजड़ी बचाओ आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन की आवश्यकता पर बल दिया। यह संदेश बिश्नोई समाज और अन्य पर्यावरण प्रेमियों के लिए एक सकारात्मक संकेत रहा।
यह दौरा न केवल विकास परियोजनाओं के लिहाज से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की नई दिशा और दृष्टि को दर्शाने वाला भी था। राजस्थान की जनता ने उनके इस दौरे को उत्साह के साथ स्वागत किया और इसे एक ऐतिहासिक पल के रूप में देखा।