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KGMU लखनऊ में 7 साल के बच्चे के सिर से निकाली गई 8 सेमी की कील | 10 घंटे की सर्जरी से मिला नया जीवन

 KGMU ट्रॉमा सेंटर की चमत्कारी सर्जरी: 7 वर्षीय बच्चे के सिर में गर्दन के रास्ते घुसी 8 सेंटीमीटर की कील, डॉक्टर्स ने 10 घंटे में बचाई जान

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: लखनऊ के KGMU (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने एक असंभव को संभव कर दिखाया। सात वर्षीय एक मासूम बच्चे के सिर में गर्दन के रास्ते घुसी 8 सेंटीमीटर लंबी लोहे की कील को डॉक्टरों की ट्रॉमा सर्जरी टीम ने लगातार 10 घंटे तक चली जटिल सर्जरी के बाद सफलतापूर्वक निकाल दिया।

इस सर्जरी ने न सिर्फ मेडिकल साइंस में एक बड़ी सफलता दर्ज की है, बल्कि उस मासूम को एक नई ज़िंदगी भी दी है।



🛠️ हादसा कैसे हुआ?

मिली जानकारी के अनुसार, खेलते वक्त बच्चे के सिर में गर्दन के नाजुक हिस्से से एक लंबी कील घुस गई थी। कील इतनी खतरनाक स्थिति में फंसी थी कि ज़रा सी गलती जानलेवा साबित हो सकती थी।

बच्चे को गंभीर हालत में KGMU ट्रॉमा सेंटर लाया गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने तत्काल सर्जरी का निर्णय लिया।


👨‍⚕️ 10 घंटे की जटिल सर्जरी

KGMU के ट्रॉमा सर्जरी, न्यूरोसर्जरी और एनेस्थीसिया विभाग की संयुक्त टीम ने मिलकर यह ऑपरेशन किया। कील की पोजिशन ब्रेन के बेहद नाजुक हिस्सों के पास थी, जिससे ऑपरेशन जोखिम भरा था।

लेकिन डॉक्टर्स की सूझबूझ, अनुभव और टीमवर्क से बिना ब्रेन डैमेज के कील को निकाला गया, और बच्चे को सुरक्षित बाहर लाया गया।

डॉक्टर्स ने कहा:
"ये एक बहुत ही संवेदनशील सर्जरी थी, लेकिन हमने पूरी सावधानी से की और बच्चा अब खतरे से बाहर है।"


👪 माता-पिता की भावुक प्रतिक्रिया

बच्चे के माता-पिता ऑपरेशन के बाद भावुक हो उठे। उन्होंने कहा:

"डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं। हमारे बेटे को उन्होंने दूसरी ज़िंदगी दी है। हम तहे दिल से आभारी हैं।"


👏 सोशल मीडिया पर KGMU डॉक्टर्स की हो रही तारीफ

जैसे ही यह खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर KGMU की डॉक्टर टीम को "लाइफ सेवियर्स", "मेडिकल हीरोज" और "उत्तर प्रदेश का गर्व" बताया जाने लगा। लोग इस सर्जरी को मेडिकल चमत्कार बता रहे हैं।


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